UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 32 विनायक दामोदर सावरकर (महान व्यक्तित्व)

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UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 32 विनायक दामोदर सावरकर (महान व्यक्तित्व)

पाठ का सारांश

 

वीर सावरकर देशप्रेम, त्याग, साहस और शौर्य के प्रतीक थे। इन्होंने मातृभूमि को स्वाधीन कराने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। इनका जन्म 28 मई, सन् 1883 को महाराष्ट्र के भागुर गाँव में हुआ था। ये छात्र-जीवन से ही देश की  स्वाधीनता के लिए कार्य करते थे। सन् 1905 में पूना शहर में विदेशी वस्त्रों की होली जलाने के कारण इन्हें कॉलेज से निकाल दिया गया था। भारत के युवकों में स्वाधीनता की चेतना भरने तथा अँग्रेजी शासन के प्रति विद्रोह करने के उद्देश्य से इन्होंने मित्र मेला’ तथा ‘अभिनव भारत’ नामक संस्थाएँ बनाई। इंग्लैंड में बैरिस्ट्री की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद भी अँग्रेजों ने वीर सावरकर को प्रमाण-पत्र नहीं दिया और इन्हें गिरफ्तार कर भारत लाया गया। तब ये जहाज की खिड़की से समुद्र में कूदकर फ्रांस की धरती पर पहुँच गए थे, परन्तु इन्हें बन्दी बनाकर कालेपानी की. पचपन वर्ष की सजा सुनाई गई। फिर वह 1937 से 1947 तक हिन्दू महासभा के अध्यक्ष रहे। 26 जनवरी, 1966 को इस महान देशभक्त की मृत्यु हो गई।

 

अभ्यास-प्रश्न

प्रश्न 1:
सावरकर का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर:
सावरकर का जन्म 28 मई, 1883 ई० को महाराष्ट्र के भागुर गाँव में हुआ था।

 

प्रश्न 2:
उन्हें कॉलेज से क्यों निकाला गया?
उत्तर:
सावरकर ने सन् 1905 में विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार का आह्वान किया तथा अपने साथियों के साथ मिलकर पूना शहर में विदेशी वस्त्रों की होली जलाई। इस साहसपूर्ण घटना की न केवल पूना अपितु पूरे देश में जोरदार चर्चा हुई।  इससे अँग्रेज अत्यन्त चिन्तित हो उठे; फलतः कॉलेज के अधिकारियों पर सावरकर को कॉलेज से निष्काषित करने के लिए दबाव डाला गया तथा उन्हें तत्काल निकाल दिया गया।

 

प्रश्न 3:
सावरकर द्वारा स्थापित मित्र मेला नामक संस्था के क्या उद्देश्य थे?
उत्तर:
सावरकर द्वारा स्थापित मित्र मेला नामक संस्था  का एकमात्र उद्देश्य भारत के नवयुवकों में स्वाधीनता के प्रति चेतना उत्पन्न करना तथा उनके मन में अँग्रेजी शासन के विरोध प्रकट करने की शक्ति उत्पन्न करना था।

 

प्रश्न 4:
पानी के जहाज से वे कैसे भागे?
उत्तर:
सावरकर पानी के जहाज से भारत आते समय फ्रांस के मार्सलीज बन्दरगाह के पास शौचालय के रोशनदान से समुद्र के अथाह जल में कूदकर भागे।

प्रश्न 5:
सावरकर को जेल में क्या-क्या यातनाएँ भोगनी पड़ीं ?
उत्तर:
सावरकर ने अण्डमान के यातना कारागार में 11 वर्षों  तक कठोर सजा भोगी। इन्हें कारागार में कोल्हू में बैल की जगह जोता जाता था और चक्की पीसनी पड़ती थी।