UP Board Solutions for Class 4 Sanskrit Piyusham Chapter 12 सूक्तयः
(सूक्तियाँ)
सूक्तयः शब्दार्थाः
सत्यमेव (सत्यम् + एव) = सत्य ही
नानृतम् (न अनृतम्) = झूठ नहीं
परिहर्तव्यः = त्याग देना चाहिए
लभते = प्राप्त करता/करती है
सूक्तियों के अर्थ
१. आचारः परमो धर्मः
अर्थ:
आचरण ही परम धर्म है।
२. विद्याधनं सर्वधनं प्रधानम्।
अर्थ:
विद्या रूपी धन समस्त धन से श्रेष्ठ होता है।
३. विद्या ददाति विनयं ।
अर्थ:
विद्या से विनय आती है।
४. शीलं परं भूषणम्।
अर्थ:
गुण (विनम्रता) सबसे बढ़िया आभूषण (गहना) होता है।
५. धर्मेण लभते सर्वम्।
अर्थ:
धर्म से सबकुछ प्राप्त होता है।
६. श्रद्धावान लभते ज्ञानम्।
अर्थ:
श्रद्धावान ही ज्ञान प्राप्त करते हैं।
७. परोपकाराय सतां विभूतयः।
अर्थ:
परोपकार सबसे महान होता है।
८. सत्यमेव जयते नानृतम्।
अर्थ:
सत्य की ही विजय होती है, यह झूठ नहीं है।
९. माता शत्रुः पिता वैरी येन बालो न पाठितः।
अर्थ:
अपने बच्चों को नहीं पढ़ाने वाले माता-पिता उनके शत्रु तथा वैरी हैं।
१०. दुर्जनः परिहर्तव्यः।
अर्थ:
दुष्टों को त्याग देना (अपने से अलग कर देना चाहिए।
सूक्तयः अभ्यासः
प्रश्न १.
सूक्तियों को कंठस्थ कीजिए।
नोट – विद्यार्थी स्वयं कंठस्थ करें।
प्रश्न २.
सूक्ति क्रमांक २ एवं ४ के अर्थ लिखिए।
नोट – विद्यार्थी सूक्ति क्रमांक २ एवं ४ के अर्थ ऊपर से देखकर लिखें।