UP Board Solutions for Class 4 Hindi Kalrav Chapter 20 अकबर-बीरबल
अकबर-बीरबल शब्दार्थ
सैर = भ्रमण
इजाज़त = अनुमति
जहाँपनाह = बादशाह के लिए संबोधन, महाराज
कुविचार = बुरे विचार
प्राण-पखेरू = प्राण रूपी पक्षी
तरस = दया
सख्त = कठोर
यकीन = विश्वास
अकबर-बीरबल पाठ का सारांश
एक बार सैर करते समय बादशाह अकबर ने बीरबल से पूछा कि सामने से आ रहा लकड़हारा मेरे बारे में क्या सोचता है। बीरबल ने कहा, जैसे आप उसके बारे में सोचते हैं। अकबर ने असहमति जताई, तो बीरबल ने उसे छिप जाने की सलाह दी। अकबर छिपकर लकड़हारे के बारे में बुरी बातें सोचने लगा; बदले में लकड़हारे ने भी उसके बारे में बुरा ही सोचा। दूसरे उदाहरण के रूप में अकबर ने बुढ़िया के विषय में अच्छा सोचा, तो बुढ़िया ने भी उसके प्रति वैसे ही विचार रखे। इस तरह बादशाह समझ गया कि जो जिसके प्रति जैसा विचार रखता है, वह भी उसके प्रति वैसा ख्याल पालता है।
अकबर-बीरबल अभ्यास प्रश्न
शब्दों का खेल
प्रश्न १.
पढ़ो, समझो और लिखो (लिखकर)
(क) सम्राट – राजा
(ख) प्राण – जान
(ग) सैर – घूमना
(घ) मन – चित्त
(ङ) प्रश्न – सवाल
(च) शंका – संदेह
(छ) वृक्ष – पेड़
(ज) जंगल – वन
(झ) जमीन – पृथ्वी, धरती
(ञ) प्रजा – जनता
प्रश्न २.
नीचे दिए गए वाक्यांशों के लिए एक-एक शब्द लिखो
(क) जो लकड़ियाँ काटकर जीविका चलाता हो – लकड़हारा
(ख) जो शासन चलाता हो – शासक, राजा
(ग) जिस पर विश्वास किया जा सके – विश्वसनीय
(घ) जो परोपकार करता हो – परोपकारी
(ङ) जिसमें दया हो – दयालु
प्रश्न ३.
नीचे दिए गए शब्दों का लगभग समान रूप में उच्चारण होता है, परंतु दोनों के अर्थ भिन्न होते हैं। इनके अर्थ कोष्ठक में दिए हैं। इन्हें अपने वाक्यों में प्रयोग करो; ताकि अर्थ स्पष्ट हो जाए
(क) अन्न (अनाज) – अन्न जीवनदायक होता है।
अन्य (दूसरा) – अन्य व्यक्तियों की तुलना में अपने, अपने ही होते हैं।
(ख) दिन (दिवस) – बुरे दिन हमेशा नहीं रहते।
दीन (गरीब) – दीन ईश्वर के प्रतिरूप होते हैं।
(ग) शाम (संध्या) – शाम का सुरमई रंग अच्छा लगता है।
श्याम (काला) – श्याम रंग के कारण श्रीकृष्ण का एक नाम श्याम भी है।
(घ) पिता (जनक) — माता-पिता ईश्वर से भी महान होते हैं।
पीता (पीना) – जो अधिक-से-अधिक पानी पीता है, वह स्वस्थ रहता है।
प्रश्न ४.
नीचे लिखे मुहावरों का अपने वाक्यों में प्रयोग करो (वाक्यों में प्रयोग करके)
(क) प्राण पखेरू उड़ना – बस द्वारा कुचले जाने के कारण एक व्यक्ति के प्राण-पखेरू उड़ गए।
(ख) चल बसना – अति वृद्ध का चल बसना दुखी तो करता है, लेकिन कचोटता नहीं।
(ग) दहाड़े मारना – बुढ़िया बुरी खबर सुनकर दहाड़े मारकर रोने लगी।
प्रश्न ५.
ठीक शब्द चुनकर खाली स्थान भरो (खाली स्थान भरकर )
(सोच, लकड़हारा, सज़ा, गरीबों)
(क) यह लकड़हारा हमारे बारे में क्या सोच रहा है?
(ख) इसे सख्त से सख्त सज़ा देनी चाहिए।
(ग) हम गरीबों पर तो कहर ढा रखा था।
बोध प्रश्न
प्रश्न १ .
उत्तर दो
(क) सम्राट अकबर और बीरबल सैर करते हुए कहाँ पहुँच गए?
उत्तर:
सम्राट अकबर और बीरबल सैर करते हुए नगर से बाहर पहुँच गए।
(ख) सम्राट अकबर ने लकड़हारे के विषय में बीरबल से क्या पूछा?
उत्तर:
सम्राट अकबर ने बीरबल से पूछा कि लकड़हारा मेरे बारे में क्या सोचता है।
(ग) बीरबल ने सम्राट अकबर को क्या जवाब दिया?
उत्तर:
बीरबल ने जवाब दिया कि जैसे विचार आपके मन में लकड़हारे के प्रति हैं वैसे ही विचार लकड़हारे के मन में भी आपके प्रति हैं।
(घ) लकड़हारे के विषय में सम्राट अकबर क्या सोच रहे थे?
उत्तर:
लकड़हारे के विषय में अकबर सोच रहे थे कि यह चोर है। बिना इजाज़त लकड़ी काटता है। यह दंड का भागी है।
(ङ) लकड़हारे के विषय में बीरबल ने क्या कहा?
उत्तर:
लकड़हारे के विषय में बीरबल ने कहा कि यह जहाँपनाह के बारे मे वही सोचता है, जो जहाँपनाह उसके बारे में सोचते हैं।
(च) लकड़हारे व बुढ़िया की बात सुनकर अकबर किस निष्कर्ष पर पहुँचे? ।
उत्तर:
लकड़हारे व बुढ़िया की बात सुनकर अकबर समझ गए कि व्यक्ति किसी के प्रति जैसा विचार रखता है, दूसरा भी उसके प्रति वैसा ही विचार रखता है।
प्रश्न २.
किसने कहा? किससे कहा?
(क) “जैसे विचार आप लकड़हारे के विषय में रखते हैं, वैसे ही वह आपके बारे में सोचता होगा।”
उत्तर:
बीरबल ने बादशाह से कहा।
(ख) “दूसरे के मन की बात को कोई कैसे जान सकता है?”
उत्तर:
बादशाह ने बीरबल से कहा।
(ग) “ऐसे बादशाह का तो मरना ही बेहतर है, जो अपनी प्रजा के दुःख दूर न कर सके।”
उत्तर:
लकड़हारे ने बीरबल से कहा।
(घ) “हे भगवान! उसके बदले में तू मेरी जान ले लेता।”
उत्तर:
बुढ़िया ने बीरबल से कहा।
प्रश्न ३.
इस पाठ से तुम्हें क्या सीख मिलती है?
उत्तर:
इस पाठ से हमें यह सीख मिलती है कि हमें किसी के प्रति दुर्भावना नहीं रखनी चाहिए।
तुम्हारी कलम से
अकबर-बीरबल से संबंधित कोई सुना हुआ किस्सा संक्षेप में लिखो।
नोट – विद्यार्थी शिक्षक की सहायता से कोई किस्सा लिखें।
अब करने की बारी
१. अकबर-बीरबल के और किस्से पुस्तकालय में पढ़ो और अपने दोस्तों को सुनाओ।
२. बीरबल की बुद्धिमानी के विषय में अपनी राय लिखो।
३. अपनी कक्षा में इस एकांकी का अभिनय करो।
नोट – विद्यार्थी ‘अब करने की बारी’ स्वयं करें।