UP Board Solutions for Class 3 Hindi Kalrav Chapter 3 बादल किसके काका
बादल किसके काका शब्दार्थ
शैतानी = शरारत
फोड़ना = तोड़ना
डाँट = फटकार
अभी-अभी = थोड़ी देर पहले।
अभी-अभी …………………………….………………. सुना माँ का।
अर्थ – अभी-अभी, थोड़ी देर पहले तो धूप निकली हुई थी, अब बरसात कहाँ से आ गई! मालूम होता है, किसी ने बादल के घड़े को फोड़कर शरारत करके यह पानी बरसा दिया हो। चूँकि बरसात में सूरज बादलों में ढक जाता है। इसलिए ऐसा लगता है, मानो सरज की माता ने उसे घर बुला लिया हो। जब माँ का कहना बच्चे नहीं मानते, तब काका (चाचा) बच्चों को डाँटते हैं अर्थात् जब बरसात में बादल गरजते हैं; तब ऐसा लगता है; मानो वे उन बच्चों को डाँट रहे हों, जिन्होंने अपनी माँ का कहना नहीं माना हो।
बादल किसके काका अभ्यास
प्रश्न 1.
उत्तर लिखो
(क) कविता में किस मौसम का वर्णन किया गया है?
उत्तर:
कविता में बरसात के मौसम का वर्णन किया गया है।
(ख) सूरज क्यों नहीं दिखाई दे रहा है?
उत्तर:
सूरज बादलों में छिपे होने के कारण दिखाई नहीं दे रहा है।
प्रश्न 2.
नोट – विद्यार्थी स्वयं करें।
प्रश्न 3.
एक दिन बादलों ने बैठक की। कुछ बादल बोले- जब हम खूब बरसते हैं तब लोग चिल्लाते हैं, जब नहीं बरसते तब भी। क्यों न हम बरसना ही बंद कर दें। बिल्कुल सही, बरसना बंद आज से ही- सारे बादल बोले। सोचो और बताओइसके बाद क्या-क्या हुआ होगा?
उत्तर:
बादलों के ऐसा करने से धरती पर सूखा पड़ गया होगा। लोग गर्मी से परेशान हो गए होंगे। वे फिर से बादलों से बरसने की प्रार्थना करने लगे होंगे।
प्रश्न 4.
सूरज को ‘दिनकर’ भी कहते हैं। पता करो इनको और क्या-क्या कहते हैं
उत्तर:
पानी – जल, नीर.
बादल – मेघ, घन
प्रश्न 5.
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नोट – बच्चे स्वयं पढ़ें