UP Board Solutions for Class 11 Pedagogy Chapter 5 Agencies of Education (शिक्षा के अभिकरण)

UP Board Solutions for Class 11 Pedagogy Chapter 5 Agencies of Education

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BoardUP Board
TextbookNCERT
ClassClass 11
SubjectPedagogy
ChapterChapter 5
Chapter NameAgencies of Education (शिक्षा के अभिकरण)
Number of Questions Solved36
CategoryUP Board Solutions

UP Board Solutions for Class 11 Pedagogy Chapter 5 Agencies of Education (शिक्षा के अभिकरण)

विस्तृत उत्तरीय प्रज

प्रश्न 1.
शिक्षा के अभिकरण (साधन) से क्या आशय है ? शिक्षा के अभिकरणों का एक व्यवस्थित
या
वर्गीकरण प्रस्तुत करते हुए औपचारिक तथा अनौपचारिक अभिकरणों का सामान्य परिचय प्रस्तुत कीजिए।
या
शिक्षा के औपचारिक साधन कौन-कौन से हैं?
या
शिक्षा के ‘औपचारिक’ एवं ‘अनौपचारिक’ अभिकरण का क्या तात्पर्य है?
या
शिक्षा के अनौपचारिक साधन कौन-कौन से हैं?
या
‘शिक्षा के अभिकरणों (साधनों) का वर्गीकरण’ पर टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:

शिक्षा के अभिकरण (या साधन) का अर्थ
(Meaning of the Agencies of Education)

प्राचीनकाल से ही समाज ने शिक्षा को क्रियान्वित करने के लिए अर्थात् यथार्थ में लागू करने के लिए विभिन्न संस्थाओं को अपनाकर उनका विकास किया है, इन्हीं संस्थाओं या माध्यमों को शिक्षा के अभिकरण (या साधन) कहा जाता है। अभिकरण या साधन अंग्रेजी भाषा के शब्द ‘Agency’ का हिन्दी रूपान्तर है जो स्वयं Agent’ से बना है। ‘Agent’ का अर्थ ‘प्रतिनिधि’ या कार्यकर्ता’ या ‘साधन’ है। वस्तुतः ‘Agent’ से हमारा अभिप्राय उस व्यक्ति या संस्था से होता है जो कोई कार्य करता है या प्रभाव डालता है।

शिक्षा के अभिकरण या साधन के अन्तर्गत वे सभी तत्त्व, कारक, स्थान अथवा संस्थाएँ आ जाती हैं जो किसी-न-किसी प्रकार से शिक्षा प्रदान करती हैं या बालक को सीखने में सहायता देती हैं। सर गॉडफ्रे थामसन के अनुसार, “व्यापक अर्थ में सम्पूर्ण वातावरण व्यक्ति की शिक्षा का साधन है, पर इस वातावरण में कुछ तत्त्व अधिक महत्त्वपूर्ण हैं; जैसे–घर, विद्यालय, चर्च, प्रेस, व्यवसाय, सार्वजनिक जीवन, मनोरंजन और प्रिय कार्य।” शिक्षा के अभिकरणों की विविधता या अनेकता को स्पष्ट करते हुए रेमॉण्ट ने लिखा है, “अध्यापक ही केवल शिक्षक नहीं होता, केवल स्कूल या कॉलेज ही शिक्षण संस्थाएँ नहीं हैं, वरन् ऐसी कई अन्य संस्थाएँ हैं, जिनका प्रभाव शैक्षिक होता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि शिक्षा की प्रक्रिया में सहयोग देने वाले समस्त कारक शिक्षा के अभिकरण ही हैं।

शिक्षा के साधनों का वर्गीकरण
(Classification of the Agencies of Education)

शिक्षा के समस्त अभिकरणों या साधनों को सामान्य रूप से चार वर्गों में विभक्त किया जा सकता है

  • शिक्षा के औपचारिक साधन,
  • शिक्षा के अनौपचारिक साधन,
  • शिक्षा के सक्रिय साधन तथा
  • शिक्षा के निष्क्रिय साधन।।

शिक्षा के औपचारिक साधन
(Formal Agencies of Education)

शिक्षा के औपचारिक साधनों को सविधिक साधन भी कहते हैं। ये वे साधन हैं जो समाज द्वारा निर्मित तथा विशेष रूप से शिक्षा हेतु निर्धारित एवं निर्दिष्ट किए जाते हैं। औपचारिक साधनों द्वारा शिक्षा का कार्य एक निश्चित योजना के अनुसार होता है। इनका प्रयोग बालक के आचरण को रूपान्तरित करने के लिए किया जाता है। इनके निश्चित नियम होते हैं और इनकी देखभाल भी प्रशिक्षित व्यक्तियों द्वारा की जाती है। शिक्षा सम्बन्धी सभी कार्यक्रम; जैसे-उद्देश्य, पाठ्यक्रम, शिक्षण-विधि, नियम तथा व्यवस्था आदि की योजना पहले से ही तैयार कर ली जाती है।
ब्राउन ने अपनी पुस्तक ‘शिक्षा-समाजशास्त्र में शिक्षा के निम्नलिखित औपचारिक साधन बताए हैं–

  • स्कूल या विद्यालय,
  • पुस्तकालय तथा वाचनालय,
  • संग्रहालय,
  • धार्मिक संस्थाएँ,
  • कला-वीथिकाएँ तथा
  • व्यायामशाला।।

शिक्षा के अनौपचारिक साधन
(Informal Agencies of Education)

शिक्षा के अनौपचारिक साधनों को अविधिक साधन भी कहा जाता है। ये वे साधन हैं जिनकी न तो कोई पूर्व-निर्धारित योजना होती है और न ही कोई सुनिश्चित नियम। इनमें विधिपूर्वक प्रवेश लेना आवश्यक नहीं होता और इनका कोई निश्चित पाठ्यक्रम भी नहीं होता। अनौपचारिक साधन बालक के आचरण का रूपान्तरण करते हैं, लेकिन यहाँ रूपान्तरण की प्रक्रिया अज्ञात, अप्रत्यक्ष व अनौपचारिक होती है। इस प्रकार ये साधन बालक को अप्रत्यक्ष तथा अज्ञात रूप से प्रभावित करते हैं। अनौपचारिक अभिकरण निजी क्रियाओं द्वारा स्वाभाविक रूप से शिक्षा प्रदान करने का कार्य करते हैं। शिक्षा के अनौपचारिक साधन निम्न प्रकार हैं

  1. घर एवं परिवार,
  2. खेल समुदाय,
  3. समाज तथा राज्य,
  4. व्यावसायिक साधन–
    • प्रेस,
    • आकाशवाणी (रेडियो),
    • दूरदर्शन (टी० बी०),
    • चलचित्र तथा
    • पत्र-पत्रिकाएँ।
  5. अव्यावसायिक साधन-
    • खेल-संघ,
    • सामाजिक-सांस्कृतिक संस्थाएँ,
    • राजनीतिक संस्थाएँ,
    • प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र,
    • बालचर तथा गर्ल्स गाइड और
    • यात्राएँ।

लघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
शिक्षा के औपचारिक साधनों या अभिकरणों के गुण-दोषों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
शिक्षा के औपचारिक साधनों या

अभिकरणों के गुण-दोष
(Merits and Demerits of Formal Means of Education)

शिक्षा के औपचारिक साधनों या अभिकरणों के मुख्य गुण-दोष निम्नलिखित हैंगुण-

  1. औपचारिक अभिकरणों द्वारा प्रदान की जाने वाली शिक्षा लक्ष्यों के अनुसार होती है।
  2. औपचारिक अभिकरणों के अन्तर्गत शिक्षण-प्रक्रिया को पूर्व निश्चित योजनाओं के अनुसार सम्पन्न किया जाता है। इसके परिणामस्वरूप शिक्षा सुनिश्चित तथा अत्यन्त प्रभावशाली होती है।
  3. शिक्षा के औपचारिक साधनों द्वारा कम समय में उत्तम शिक्षा प्रदान की जाती है। शिक्षा के ये साधन प्रत्यक्ष रूप से बालक के व्यक्तिगत स्वभाव को प्रभावित करते हैं।
  4. शिक्षा के औपचारिक अभिकरणों के गुणों को स्पष्ट करते हुए जॉन डीवी ने कहा है, “औपचारिक शिक्षा के बिना जटिल समाज के साधनों और उपलब्धियों को हस्तान्तरित करना सम्भव नहीं है। यह एक ऐसे अनुभव की प्राप्ति का द्वार खोलता है, जिसको बालक दूसरों के साथ रहकर अनौपचारिक शिक्षा द्वारा प्राप्त नहीं कर सकता।”
  5. वर्तमान समय में औपचारिक अभिकरणों द्वारा प्रदान की गई शिक्षा को ही प्रामाणिक शिक्षा माना जाता है तथा इन अभिकरणों द्वारा प्रदान किए गए प्रमाण-पत्र को ही योग्यता का एकमात्र प्रमाण माना जाता है।

दोष-शिक्षा के औपचारिक साधनों या अभिकरणों के मुख्य दोष निम्नलिखित हैं

  1. शिक्षा के औपचारिक साधन बालकों को केवल सीमित ज्ञान ही प्रदान करते हैं।
  2. शिक्षा के इन अभिकरणों में अनेक बन्धनों एवं कठोर नियमों के कारण कृत्रिमता का वातावरण होता है तथा इस वातावरण में बालक का स्वाभाविक विकास नहीं हो पाता।
  3. शिक्षा के औपचारिक अभिकरणों में केवल पुस्तकीय ज्ञान पर बल दिया जाता है। इन अभिकरणों द्वारा दी जाने वाली शिक्षा सैद्धान्तिक अधिक तथा व्यावहारिक कम होती है। जॉन डीवी के अनुसार, “इस बात का सदैव डर रहता है कि औपचारिक शिक्षा जीवन के अनुभव से कोई सम्बन्ध न रखकर केवल विद्यालयों की विषय-सामग्री न बन जाए।”

प्रश्न 2.
शिक्षा के अनौपचारिक साधनों या अभिकरणों के गुण-दोषों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:

शिक्षा के अनौपचारिक साधनों या अभिकरणों के गुण-दोष
(Merits and Demerits of Informal Means of Education)

गुण- 1. शिक्षा के अनौपचारिक अभिकरणों का सम्बन्ध शिक्षा के व्यापक रूप से है।

  1. शिक्षा के अनौपचारिक अभिकरण जीवन के निकट तथा जीवन से जुड़े होते हैं। इस स्थिति में ये अभिकरण बालक के चरित्र के स्वाभाविक विकास में योगदान प्रदान करते हैं।
  2. शिक्षा के अनौपचारिक अभिकरण अनेक हैं तथा इनसे व्यक्तियों को व्यापक तथा उचित शिक्षा प्राप्त होती है। इस शिक्षा से व्यक्ति को जीवन की समस्याओं को हल करने में सहायता प्राप्त होती है।
  3. शिक्षा के अनौपचारिक अभिकरणों के माध्यम से सभी प्रकार की शिक्षा प्राप्त की जा सकती है तथा इस प्रकार से पूरा विश्व ही शिक्षा-प्राप्ति का क्षेत्र है। शिक्षा के अनौपचारिक अभिकरणों के महत्त्व को जॉन

डीवी ने इन शब्दों में स्पष्ट किया है, “बालक दूसरों के साथ रहकर अनौपचारिक ढंग से शिक्षा प्राप्त करता है। और साथ रहने की प्रक्रिया ही शिक्षा प्रदान करने का कार्य करती है। यह प्रक्रिया अनुभव को विस्तृत बनाती है। और कल्पना को प्रेरित करती है। यह कथन और विचारों में शुद्धता व सजीवता लाती है। यह शैक्षिक दृष्टि से अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है।

दोष-शिक्षा के अनौपचारिक अभिकरणों या साधनों के मुख्य दोष निम्नलिखित हैं

  1. अनौपचारिक अभिकरणों द्वारा दी जाने वाली शिक्षा की कोई पूर्व-योजना नहीं होती; अतः कभी-कभी ज्ञान प्राप्ति के अवसर कष्टदायक हो सकते हैं।
  2. शिक्षा के अनौपचारिक अभिकरणों द्वारा सीखने की प्रक्रिया में अधिक समय लगता है।
  3. इन अभिकरणों द्वारा प्रदान की आने वाली शिक्षा अव्यवस्थित होती है। इस स्थिति में बालक कुछ ऐसा ज्ञान भी अर्जित कर सकता है जो उसके लिए तथा समाज के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
  4. शिक्षा के अनौपचारिक अभिकरणों से अर्जित की गई शिक्षा का कोई योग्यता प्रमाण-पत्र प्राप्त नहीं होता।

प्रश्न 3.
शिक्षा के औपचारिक तथा अनौपचारिक अभिकरणों में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:

शिक्षा के औपचारिक तथा अनौपचारिक अभिकरणों में अन्तर
(Difference between the Formal and Informal means of Education)

शिक्षा के औपचारिक तथा अनौपचारिक साधनों या अभिकरणों के बीच पर्याप्त अन्तर हैं, जिन्हें निम्नलिखित तालिका द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है–

अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
शिक्षा के सक्रिय साधनों या अभिकरणों से क्या आशय है ?
उत्तर:
शिक्षा के सक्रिय साधनं या अभिकरण (Active Agencies of Education) शिक्षा के वे अभिकरण हैं, जिनके अन्तर्गत शिक्षा पाने वाले तथा शिक्षा देने वाले दोनों ही के व्यक्तित्व एक-दूसरे से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होते हैं। इस व्यवस्था के अन्तर्गत दोनों ही एक-दूसरे पर क्रिया और प्रतिक्रिया करते हैं तथा इस भाँति दोनों के आचरण में रूपान्तरण होता है। इस वर्ग के मुख्य अभिकरण हैं-विद्यालय, परिवार, समाज, राज्य, धर्म तथा समाजकल्याण केन्द्र आदि।

प्रश्न 2.
शिक्षा के निष्क्रिय साधनों या अभिकरणों से क्या आशय है ?
उत्तर:
शिक्षा के निष्क्रिय साधन या अभिकरण (Passive Agencies of Education) शिक्षा के वे अभिकरण हैं, जिनके अन्तर्गत शिक्षा की प्रक्रिया से सम्बद्ध दो पक्षों में से केवल एक पक्ष ही प्रभावित होता है। इस व्यवस्था के अन्तर्गत दूसरा पक्ष सामान्य रूप से निष्क्रिय ही रहता है। शिक्षा के निष्क्रिय अभिकरण इस अर्थ में निष्क्रिय हैं। वे दूसरों को तो प्रभावित करते हैं, किन्तु स्वयं दूसरों से प्रभावित नहीं होते। यह भी कहा जा सकता है कि इस व्यवस्था के अन्तर्गत शिक्षा ग्रहण करने वाला तो कुछ-न-कुछ अवश्य सीखता एवं ज्ञान अर्जित करता है, परन्तु शिक्षा प्रदान करने वाला पक्ष न तो कुछ सीखता है और न ही ज्ञान अर्जित करता है। इस वर्ग के मुख्य अभिकरण हैं—रेडियो, चलचित्र, दूरदर्शन तथा पत्र-पत्रिकाएँ आदि।

प्रश्न 3.
आपके विचार के अनुसार शिक्षा के औपचारिक तथा अनौपचारिक साधनों या अभिकरणों ” 
में से कौन-से साधन अधिक महत्त्वपूर्ण हैं ?
उत्तर:
शिक्षा के मुख्य रूप से दो प्रकार के अभिकरण माने गए हैं जिन्हें क्रमश: शिक्षा के औपचारिक तथा अनौपचारिक अभिकरण कहा जाता है। शिक्षा के ये दोनों ही अभिकरण अपने-अपने क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण हैं। औपचारिक शिक्षा की आवश्यकता समाज की जटिलता के साथ बढ़ती जाती है। आधुनिक युग में ज्ञान, विज्ञान एवं तकनीकी कुशलता में आशातीत वृद्धि हुई है, जिसके परिणामस्वरूप औपचारिक शिक्षा का काफी विस्तार हुआ है, किन्तु इस विस्तार के साथ ही प्रत्यक्ष सम्पर्क और विद्यालयी अनुभवों में अवांछनीय अन्तर होने का डर भी है। ऐसा इस कारण है, क्योंकि शिक्षा के दोनों साधनों के बीच उचित सन्तुलन नहीं रखी जा सका। किसी एक साधन को अनावश्यक रूप से महत्त्व दे दिया गया, जब कि दूसरे की उपेक्षा कर  
दी गई। वास्तव में, औपचारिक तथा अनौपचारिक दोनों ही साधनों को बराबर मूल्य एवं महत्त्व प्रदान किया जाना चाहिए।

प्रश्न 4.
जन-संचार माध्यम शिक्षा के कौन-से अभिकरण हैं?
या
जन-संचार माध्यमों की क्या उपयोगिता है?
उत्तर:
जन-संचार के माध्यम शिक्षा के अनौपचारिक अंभिकरण (Informal Agencies of Education) हैं। जन-संचार के मुख्य माध्यम हैं–प्रेस, आकाशवाणी, दूरदर्शन, चलचित्र, पत्र-पत्रिकाएँ आदि। आजकल इण्टरनेट भी इस क्षेत्र में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान प्रदान कर रहा है। शिक्षा के इन अभिकरणों से शिक्षा प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से न तो प्रवेश लेना पड़ता है और न ही निर्धारित नियमों का पालन करना पड़ता है। ये आजीवन शिक्षा प्रदान करने वाले अभिकरण हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि जन-संचार के माध्यम शिक्षा के अनौपचारिक अभिकरण हैं।

वर्तमान परिस्थितियों में जन-संचार के माध्यमों को व्यापक शिक्षा के दृष्टिकोण से अत्यधिक उपयोगी एवं महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योकि इनके माध्यम से कोई भी व्यक्ति कभी भी ज्ञान अर्जित कर सकता है। ये शिक्षा के सुलभ एवं सुविधापूर्ण अभिकरण हैं। इनमें अधिक समय तथा धन भी खर्च नहीं करना पड़ता।

प्रश्न 5.
पुस्तकालय के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
या
शिक्षा के अभिकरण के रूप में पुस्तकालय के महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
या
पुस्तकालय की उपयोगिता बताइए।
उत्तर:
पुस्तकालय शिक्षा का एक औपचारिक अभिकरण है। पुस्तकालय में अनेक प्रकार की पुस्तकों का संकलन होता है। पुस्तकें ज्ञान का भण्डार होती हैं तथा असंख्य सूचनाओं का अधिकाधिक स्रोत भी। ज्ञात-प्राप्ति का इच्छुक कोई भी बालक या व्यक्ति पुस्तकालयों से अत्यधिक लाभ प्राप्त कर सकता है। निर्धन तथा ज्ञान-प्राप्ति के इच्छुक बालकों के लिए तो पुस्तकालय वरदानस्वरूप हैं। पुस्तकालय के वातावरण में गहन अध्ययन करना सरल एवं सुविधाजनक होता है।

निश्चित उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
‘शिक्षा के अभिकरण’ से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर:
शिक्षा के अभिकरण या साधनों के अन्तर्गत वे सभी तत्त्व, कारण, स्थान अथवा संस्थाएँ सम्मिलित मानी जाती हैं जो किसी-न-किसी प्रकार की शिक्षा प्रदान करती हैं या सीखने में सहायता प्रदान करती हैं।

प्रश्न 2.
व्यवस्था एवं नियमों की निश्चितता के आधार पर शिक्षा के अभिकरण के मुख्य प्रकार कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
व्यवस्था एवं नियमों की निश्चितता के आधार पर शिक्षा के मुख्य अभिकरण हैं-

  • शिक्षा के औपचारिक अभिकरण तथा
  • शिक्षा के अनौपचारिक अभिकरण।।

प्रश्न 3.
शिक्षा प्रदान करने वाले तथा शिक्षा ग्रहण करने वाले पक्षों के आपसी सम्बन्धों के आधार पर शिक्षा के अभिकरणों के मुख्य रूप से कौन-कौन से प्रकार निर्धारित किए गए हैं ?
उत्तर:

  • शिक्षा के सक्रिय अभिकरण तथा
  • शिक्षा के निष्क्रिय अभिकरण।

प्रश्न 4.
शिक्षा के दो अभिकरण बताइट।
उत्तर:
शिक्षा के दो मुख्य अभिकरण हैं-घर तथा विद्यालय। घर शिक्षा का मुख्यतम अनौपचारिक अभिकरण है तथा विद्यालय शिक्षा का मुख्यतम औपचारिक अभिकरण है।

प्रश्न 5.
घर-परिवार, खेल-समूह तथा मित्रमण्डली आदि को शिक्षा के किस प्रकार के अभिकरण 
माना जाता है ?
या
परिवार (गृह) शिक्षा का किस प्रकार का अभिकरण है?
उतर:
घर-परिवार, खेल-समूह तथा मित्रमण्डली आदि को शिक्षा के अनौपचारिक अभिकरण माना जाता है।

प्रश्न 6 शिक्षा के किन अभिकरणों से व्यावहारिक जीवन से सम्बन्धित शिक्षा प्राप्त होती है?
उत्तर:
व्यावहारिक जीवन से सम्बन्धित शिक्षा मुख्य रूप से शिक्षा के अनौपचारिक अभिकरणों से प्राप्त होती है।

प्रश्न 7.
विद्यालय, पाठशाला तथा विश्वविद्यालय आदि शिक्षण-संस्थाओं को शिक्षा के किस प्रकार 
के अभिकरण माना जाता है ?
उत्तर:
विद्यालय, पाठशाला तथा विश्वविद्यालय आदि शिक्षण संस्थाओं को शिक्षा के औपचारिक अभिकरण माना जाता है।

प्रश्न 8.
मकतब एवं मदरसे तथा गुरुकुल शिक्षा के किस प्रकार के अभिकरण हैं ?
उत्तर:
मकतब एवं मदरसे तथा गुरुकुल शिक्षा के औपचारिक अभिकरण हैं।

प्रश्न 9.
शैक्षिक योग्यता का प्रमाण-पत्र शिक्षा के किस प्रकार के अभिकरणों द्वारा प्रदान किया जाता
उत्तर:
शैक्षिक योग्यता का प्रमाण-पत्र शिक्षा के औपचारिक अभिकरणों द्वारा प्रदान किया जाता है।

प्रश्न 10.
शिक्षा के उन अभिकरणों को क्या कहा जाता है जिनमें शिक्षा ग्रहण करने वाले तथा शिक्षा प्रदान करने वाले दोनों पक्ष एक-दूसरे से प्रभावित होते हैं ?
उत्तर:
शिक्षा के इस प्रकार के अभिकरणों को शिक्षा के सक्रिय अभिकरण कहा जाता है।

प्रश्न 11.
शिक्षा के उन अभिकरणों को क्या कहा जाता है जिनमें शिक्षा प्रदान करने वाला पक्ष प्रभावित नहीं होता ?
उत्तर:
इस प्रकार के अभिकरणों को शिक्षा के निष्क्रिय अभिकरण कहा जाता है।

प्रश्न 12.
‘राज्य शिक्षा के किस अभिकरण का उदाहरण है?
उत्तर:
राज्य शिक्षा के अनौपचारिक अभिकरण का उदाहरण है।

प्रश्न 13.
‘समुदाय’ शिक्षा के किस अभिकरण का उदाहरण है ?
उत्तर:
‘समुदाय’ शिक्षा के अनौपचारिक अभिकरण का उदाहरण है।

प्रश्न 14.
निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्य

  1. विद्यालय ही शिक्षा का मुख्यतम औपचारिक अभिकरण है।
  2. शिक्षा के अनौपचारिक अभिकरणों का न तो कोई महत्त्व है और न ही कोई आवश्यकता।
  3. व्यावहारिक जीवन में कुशलता अर्जित करने में शिक्षा के अनौपचारिक अभिकरण सहायक होते हैं।
  4. संग्रहालय शिक्षा के औपचारिक अभिकरण हैं।
  5. राज्य शिक्षा का अभिकरण नहीं है।
  6. रेडियो शिक्षा का निष्क्रिय साधन है।

उत्तर:

  1. सत्य,
  2. असत्य,
  3. सत्य,
  4. सत्य,
  5. असत्य,
  6. सत्य।.

बहुविकल्पीय प्रश्न

निम्नलिखित प्रश्नों में दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चुनाव कीजिए
प्रश्न 1.
शिक्षा की किसी भी प्रकार की प्रक्रिया के परिचालन में सहायक कारकों को माना जाता है
(क) शिक्षा के अंग।
(ख) शिक्षा के अभिकरण या साधन
(ग) शिक्षा को प्रभावित करने वाले कारक
(घ) विद्यालय

प्रश्न 2.
पूर्व-निर्धारित योजना, उद्देश्य एवं व्यवस्था के अनुसार शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षा के अभिकरणों को कहते हैं
(क) महत्त्वपूर्ण अभिकरण
(ख) औपचारिक अभिकरण
(ग) अनौपचारिक अभिकरण
(घ) निष्क्रिय अभिकरण

प्रश्न 3.
शिक्षा का औपचारिक उपकरण ( अभिकरण ) है ?
(क) घर
(ख) राज्य
(ग) विद्यालय
(घ) समाज

प्रश्न 4.
बालक को शिक्षा प्रदान करने वाला प्रथम या प्रारम्भिक अभिकरण है ?
(क) क्रीड़ा विद्यालय
(ख) नर्सरी स्कूल
(ग) भाई-बहन तथा मित्र
(घ) परिवार

5. “अध्यापक ही केवल शिक्षक नहीं होता, केवल स्कूल या कॉलेज ही शिक्षण संस्थाएँ नहीं हैं, वरन् ऐसी कई अन्य संस्थाएँ हैं जिनका प्रभाव शैक्षिक होता है।” यह कथन किसको है?
(क) स्वामी विवेकानन्द का
(ख) रेमॉण्ट का
(ग) फ्रॉबेल का
(घ) बी० डी० भाटिया का

प्रश्न 6.
पुस्तकालय शिक्षा का अभिकरण है
(क) औपचारिक
(ख) अनौपचारिक
(ग) औपचारिकेत्तर
(घ) सक्रिय

प्रश्न 7.
‘दूरदर्शन’ शिक्षा का किस प्रकार की अभिकरण है?
(क) सक्रिय अभिकरण
(ख) निष्क्रिय अभिकरण
(ग) औपचारिक अभिकरण
(घ) अनावश्यक अभिकरण

प्रश्न 8.
शिक्षा के औपचारिक अभिकरणों की विशेषता है
(क) निश्चित नियमावली होती है।
(ख) निर्धारित पाठ्यक्रम एवं परीक्षा का प्रावधान है।
(ग) योग्यता का प्रमाण-पत्र दिया जाता है।
(घ) उपर्युक्त सभी विशेषताएँ

प्रश्न 9.
शिक्षा के अनौपचारिक अभिकरणों की विशेषता नहीं है
(क) कोई निश्चित एवं पूर्व-र्निर्धारित पाठ्यक्रम नहीं होता।
(ख) योग्यता का प्रमाण-पत्र दिया जाता है।
(ग) कोई निश्चित स्थान नहीं होता।
(घ) किसी-न-किसी रूप में आजीवन सक्रिय रहते हैं।

प्रश्न 10.
गृह या परिवार शिक्षा के किस अभिकरण के उदाहरण हैं ?
(क) औपचारिक अभिकरण
(ख) अनौपचारिक अभिकरण
(ग) निरौपचारिक अभिकरण
(घ) निष्क्रिय अभिकरण

प्रश्न 11.
विद्यालय शिक्षा का अभिकरण है।
(क) अनौपचारिक
(ख) औपचारिक
(ग) निरौपचारिक
(घ) विशेष

प्रश्न 12.
शिक्षा का प्रमुख सक्रिय साधन है
(क) राज्य
(ख) धर्म
(ग) विद्यालय
(घ) सिनेमा

प्रश्न 13.
निम्नलिखित में कौन-सा शिक्षा का निष्क्रिय अभिकरण है?
(क) गिरजाघर
(ख) क्लब
(ग) विद्यालय
(घ) टेलीविजन

उत्तर:

1. (ख) शिक्षा के अभिकरण या साधन,
2. (ख) औपचारिक अभिकरण,
3. (ग) विद्यालय,
4. (घ) परिवार,
5. (ख) रेमॉण्ट का,
6. (क) औपचारिक,
7, (ख) निष्क्रिय अभिकरण,
8, (घ) उपर्युक्त सभी विशेषताएँ,
9. (ख) योग्यता को प्रमाण-पत्र दिया जाता है,
10. (ख) अनौपचारिक अभिकरण,
11.(ख) औपचारिक,
12. (ग) विद्यालय,
13. (घ) टेलीविजन।

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