UP Board Class 3 Hindi व्याकरण
प्रश्न:
व्याकरण क्या है?
उत्तर:
भाषा की शुद्धता और अशुद्धता का ज्ञान कराने वाला शास्त्र व्याकरण कहलाता है;
जैसे-
- रानी स्कूल जाती है। (शुद्ध)
- रानी स्कूल जाता है। (अशुद्ध)
प्रश्न:
भाषा क्या है?
उत्तर:
भाव या विचार प्रकट करने का माध्यम ही भाषा कहलाता है; जैसे- हिन्दी, अंग्रेजी, पंजाबी, तेलुगू, मराठी, तमिल, मैथिली आदि।
प्रश्न:
वर्ण या अक्षर किसे कहते हैं?
उत्तर:
वह छोटी-से-छोटी ध्वनि, जिसके और टुकड़े न हो सकें, वर्ण या अक्षर कहलाती है;
जैसे- अ, इ, उ, ऋ, क्, च्, ट्, त्, प् आदि।
उदाहरण-
जब हम ‘आम’ शब्द कहते हैं, तब ‘आ’, ‘म्+अ’ दो ध्वनियों को एक साथ मिलाकर बोलते हैं। इन ध्वनियों को ही वर्ण या अक्षर कहते हैं।
अक्षया वणों के भेद
प्रश्न:
वर्ण के कितने भेद होते हैं?
उत्तर:
वर्ण के दो भेद होते हैं-
- स्वर
- व्यंजन।
प्रश्न:
स्वर किसे कहते हैं?
उत्तर:
स्वर-जो वर्ण या अक्षर बिना दूसरे वर्ण की सहायता के बोला जाए, उसे स्वर कहते हैं। हिन्दी भाषा में ग्यारह (11) स्वर होते हैं;
जैसे- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ। ‘अं’ और ‘अः’ को अयोगवाह कहते हैं।
स्वर के दो रूप होते हैं-
- ह्रस्व स्वर-जिस स्वर के उच्चारण में कम समय लगता है, उसे ‘ह्रस्व स्वर’ कहते हैं; जैसे- अ, इ, उ और ऋ।।
- दीर्घ स्वर-जिस स्वर के उच्चारण में ह्रस्व स्वर से अधिक समय लगता है, उसे ‘दीर्घ स्वर’ कहते हैं; जैसे- आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ और औ।
प्रश्न:
व्यंजन किसे कहते हैं?
उत्तर:
जिन वर्णों या अक्षरों के उच्चारण में स्वरों की सहायता ली जाए, उन्हें व्यंजन कहते हैं;
जैसे- क, ख, च, छ, ट, ठ, त, थ, प, फ, य, र, स, ह आदि।
हिन्दी भाषा में तैंतीस (33) व्यंजन होते हैं-
- क वर्ग – क, ख, ग, घ, ङ
- च वर्ग – च, छ, ज, झ, ञ
- ट वर्ग – ट, ठ, ड, ढ, ण
- त वर्ग – त, थ, द, ध, न
- प वर्ग – प, फ, ब, भ, म
- अंतस्थ – य, र, ल, व
- ऊष्म – श, ष, स, ह
संयुक्त व्यंजन- जो व्यंजन दो व्यंजनों के योग से बनते हैं, वे संयुक्त व्यंजन कहलाते हैं, जैसे-
- क्ष = क् + ष् + अ
- त्र = त् + र् + अ
- ज्ञ = ज् + ञ् + अ
- श्र= श् + र् + आ
- अतिरिक्त व्यंजन – ड़, ढ़.
अनुस्वार (अं)- इसे शिरोरेखा के ऊपर बिन्दु (.) के रूप में लिखा जाता है। इसका उच्चारण करते समय हवा नाक से बाहर निकलती है; जैसे- गंगा, मंगल, कलंक आदि।
विसर्ग (अः)- यदि ‘अ’ के आगे दो बिन्दु (:) लगें, तो वे विसर्ग कहलाते हैं; जैसे- प्रातः, अतः, स्वतः आदि।
प्रश्न:
मात्रा किसे कहते हैं?
उत्तर:
स्वरों के चिह्न, जो व्यंजनों पर लगाए जाते हैं, मात्राएँ कहलाते हैं। अ स्वर की कोई मात्रा नहीं होती है।
प्रमुख विराम चिह्न- हिन्दी में लिखते समय निम्नलिखित चिह्न प्रमुख रूपों में प्रयुक्त किए जाते हैं
- अल्पविराम (,)
- अर्धविराम (;)
- पूर्णविराम (।)
- प्रश्नवाचक चिह्न (?)
- विस्मयादिबोधक चिहन (!)
- लाघव चिह्न (०)
- विवरण (विसर्ग) चिह्न (:)
- संयोजक चिह्न (-)
- निर्देशक चिह्न (-)
- उद्धरण या अवतरण चिह्नः (” “) (‘ ‘)
प्रश्न:
शब्द किसे कहते हैं?
उत्तर:
शब्द की परिभाषा- वर्णों के सार्थक समूह को शब्द कहते हैं; जैसे- रेखा, पानी, आगरा आदि।
शब्द के प्रकार- अर्थ के आधार पर शब्द दो प्रकार के होते हैं-
- सार्थक शब्द- जिस शब्द का कुछ अर्थ समझ में आए, उसे ‘सार्थक शब्द’ कहते हैं; जैसे- राम, आम, आगरा, कमल आदि।
- निरर्थक शब्द- जिस शब्द से कोई अर्थ प्रकट न हो. उसे ‘निरर्थक शब्द’ कहते हैं; जैसे- मआ, रागआ, लमक आदि।
प्रश्न:
वाक्य किसे कहते हैं?
उत्तर:
शब्दों का सार्थक समूह ही वाक्य कहलाता है; जैसे- सोनम पढ़ रही है।
प्रश्न:
शब्द और वाक्य में क्या अन्तर है?.
उत्तर:
शब्द वर्णों अथवा अक्षरों के सार्थक समूह को कहते हैं; जबकि वाक्य शब्दों के सार्थक समूह को। .
प्रश्न:
व्याकरण के अनुसार शब्द के कितने भेद हैं?
उत्तर:
व्याकरण के अनुसार शब्द के दो भेद होते हैं
- विकारी
- अविकारी
विकारी शब्द- वे शब्द जिनमें लिंग, वचन, कारक आदि के कारण परिवर्तन आ जाता है, विकारी शब्द कहलाते हैं। ये चार प्रकार के होते हैं-
- संज्ञा
- सर्वनाम
- विशेषण
- क्रिया
अविकारी शब्द (अव्यय)- वह शब्द, जिसका रूप हमेशा एक-सा रहे, उसे ‘अविकारी शब्द या अव्यय’ कहते हैं, जैसे- इधर-उधर, नित्य, धीरे-धीरे आदि।
प्रश्न:
संज्ञा किसे कहते हैं?
उत्तर:
संज्ञा- किसी वस्तु, स्थान, प्राणी या भाव के नाम को ‘संज्ञा’ कहते हैं; जैसे- राम, सीता, दिल्ली, दया, सभा, चावल आदि।
संज्ञा के पाँच भेद होते हैं
- व्यक्तिवाचक संज्ञा- जिस शब्द से किसी विशेष वस्तु व्यक्ति अथवा स्थान का पता चले उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे- भारत, यमुना, अंकित, लखनऊ आदि।
- जातिवाचक संज्ञा- जिस शब्द से एक जैसी अनेक वस्तुओं, व्यक्तियों अथवा स्थानों का पता चले, उसे जातिवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे- मनुष्य, घर, शहर, पशु, पक्षी आदि।
- समूहवाचक संज्ञा- वह शब्द, जिससे व्यक्तियों या प्राणियों, वस्तुओं आदि के इकट्ठे होने या एक साथ होने का ज्ञान हो, उसे समूहवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे- सभा, कक्षा, झुण्ड, दल, गुच्छा आदि।
- द्रव्यवाचक संज्ञा- वह शब्द जिससे मापे या तौले जाने वाले पदार्थ का ज्ञान हो, उसे द्रव्यवाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे- चावल, आटा, चीनी, दाल, दूध, कपड़ा, नमक, तेल आदि।
- भाववाचक संज्ञा- जो शब्द किसी के गुण, दोष आदि को प्रकट करें, उन्हें भाववाचक संज्ञा कहते हैं; जैसे- अच्छाई, बुराई, भलाई, सुन्दरता आदि।
प्रश्न:
सर्वनाम किसे कहते हैं?
उत्तर:
सर्वनाम- जो शब्द संज्ञा के स्थान पर प्रयोग किए जाते हैं, उन्हें ‘सर्वनाम’ कहते हैं; जैसे- मैं, हम, तुम, वह, वे आदि।
उदाहरण-
राहुल अमेरिका में रहता है। वह वहाँ इंजीनियर है। ऊपर दिए गए उदाहरण में राहुल (संज्ञा) के स्थान पर वह (सर्वनाम) शब्द का प्रयोग हुआ है।
अन्य सर्वनाम- मैं, हम, तुम, वह, वे, तू, आप, कोई, कौन, कुछ, जो, सो आदि।
प्रश्न:
विशेषण किसे कहते हैं?
उत्तर:
विशेषण- जो शब्द किसी संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताए, उसे ‘विशेषण’ कहते हैं, जैसे- सफेद, काला, सुन्दर, मोटा आदि।
लिंग
प्रश्न:
लिंग किसे कहते हैं? इसके भेद बताओ।
उत्तर:
लिंग- संज्ञा के जिस रूप से स्त्री या पुरुष जाति का बोध हो, उसे ‘लिंग’ कहते – हैं। इसके दो भेद होते हैं-
- पुल्लिग
- स्त्रीलिंग।
(1) पुल्लिग- जिस शब्द से पुरुष जाति का बोध हो, उसे पुल्लिग कहते हैं; जैसे-राम, घोड़ा, लोटा आदि।
(2) स्त्रीलिंग- जिस शब्द से स्त्री जाति का बोध हो, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं; जैसेसीता, घोड़ी, लुटिया, रोटी आदि।
कुछ अन्य उदाहरण-
वचन
प्रश्न:
वचन किसे कहते हैं? इसके भेद बताओ।
उत्तर:
वचन- शब्द के जिस रूप से उसके एक या एक से अधिक होने का बोध हो, उसे ‘वचन’ कहते हैं।
वचन के दो भेद होते हैं-
- एकवचन
- बहुवचन
(1) एकवचन- जिस शब्द से एक वस्तु का बोध हो, उसे एकवचन कहते हैं; जैसे.. राम, लड़का, पेंसिल, पुस्तक आदि। .
(2) बहुवचन- जिस शब्द से एक से अधिक वस्तुओं का बोध हो, उसे बहुवचन कहते हैं; जैसे- लड़के, पेंसिलें, पुस्तकें, लड़कियाँ आदि।
विलोम शब्द (विपरीतार्थक शब्द)
विलोम शब्द (विपरीतार्थक शब्द )- जो शब्द एक-दूसरे का विपरीत अर्थ देते हैं, वे विलोम या विपरीतार्थी शब्द कहलाते हैं; जैसे- बड़ा-छोटा, आगे-पीछे आदि।
तत्सम तथा तद्भव शब्द
तत्सम शब्द- शब्दों के शुद्ध संस्कृत रूप को ‘तत्सम शब्द’ कहते हैं। तद्भव शब्द- संस्कृत शब्दों के बिगड़े हुए रूप को ‘तद्भव शब्द’ कहते हैं।
पर्यायवाची शब्द
- आकाश = गगन, नभ, अम्बर, शून्य, व्योम
- कमल = पंकज, नीरज, अरविन्द, सरोज, जलज
- चन्द्रमा = शशि, राकेश, इन्द्र, सुधाकर
- राजा = नरेश, नृप, भूप, महीप, नरेन्द्र
- सूर्य = भास्कर, रवि, भानु, दिनकर, सूरज
- पर्वत = गिरि, शैल, भूधर, पहाड़
मुहावरों का वाक्यों में प्रयोग
दंग रह जाना = चकित रह जाना – राम अपना परीक्षा-परिणाम देखकर दंग रह गया।
हाथ-पाँव मारना = प्रयास करना – रमेश ने बहुत हाथ-पाँव मारे; किन्तु वह नदी में डूब ही गया।
आँखें फेरना = साथ न देना – मुसीबत के समय मित्र भी आँखें फेर लेते हैं।
आँखें दिखाना = डराना – तुम मुझे आँखें मत दिखाओ, अपना काम करो।
अनेक शब्दों के लिए एक शब्द
जो सदा सत्य बोले – सत्यवादी
जो सबका कहना माने – आज्ञाकारी
जो सबको प्यारा लगे – सर्वप्रिय
प्रतिदिन होने वाला – दैनिक
प्रतिमाह होने वाला – मासिक
वर्ष में एक बार होने वाला – वार्षिक
अपनी हत्या अपने आप करना – आत्महत्या
परमात्मा को मानने वाला – आस्तिक
परमात्मा को न मानने वाला – नास्तिक