UP Board Solutions for Class 2 Hindi Kalrav Chapter 17 हमारे सहयोगी
हमारे सहयोगी शब्दार्थ
खाकी = मटमैला
चिट्ठी = पत्र
माटी = मिट्टी दो
बैलों की …………………..…………. वह आराम।
अर्थ – दो बैलों की जोड़ी लेकर वह खेतों में काम करता है। वह चाहे गर्मी हो, जाड़ा हो या बरसात, सभी मौसमों में कष्ट सहता है और कभी भी आराम नहीं करता है।
उत्तर:
किसान
सिर पर …………………………………. लाता।
अर्थ – सिर पर टोपी लगाए और कन्धे पर थैला लटका खाकी रंग की पोशाक पहनकर मुसकराते हुए चिट्ठी और मनीऑर्डर लाता है।
उत्तर:
डाकिया
माटी की वह चीज …………………………….… उसका नाम।
अर्थ – मिट्टी की सुन्दर चीज बनाकर उसकी सजावट करता है। वह अपना कार्य चाक घुमाकर पूरा करता है। बच्चो! उसका नाम बताओ।
उत्तर:
कुम्हार
हसिया …………………………………… उसका नाम।
अर्थ – जो कोई भी लोहा लेकर उसकी दुकान पर आता है, वह हँसिया, काँटा और तवा बना देता है। वह हथौड़े से कार्य करता है। बच्चो! उसका नाम बोलो या बताओ।
उत्तर:
लुहार
लड्डू, पेड़ा …………………………………..….. खूब मिठाई।
अर्थ – वह प्रतिदिन खोया, चीनी और दूध मिलाकर लड्डू, पेड़ा, रसमलाई, दही, जलेबी, बालूशाही और अन्य मिठाइयाँ बनाता है। बच्चो! उसका नाम बताओ।
उत्तर:
हलवाई
कुर्सी, मेज, तखत ………………………………………. उसका नाम।
अर्थ – वह लकड़ी से सामान बनाता है। वह कुर्सी, मेज, तखत, दरवाजा, तख्ती, चारपाई आदि बनाता है। काम करके फिर वह अपना पारिश्रमिक (मेहनताना) लेता है। बच्चो! उसका नाम बताओ।
उत्तर:
बढ़ई
हमारे सहयोगी अभ्यास
प्रश्न १.
(क) इनमें जो वस्तुएँ तुम्हारे घर हों, उन पर गोला लगाओ। (गोला लगाकर)
नोट – विद्यार्थी पाठ्यपुस्तक में स्वयं गोला लगाएँ।
कुर्ता | घड़ा | कुर्सी |
फावड़ा | टेलीफोन | डलिया |
मिठाई | रेलगाड़ी | चारपाई |
कड़ाही | हल | हाँडी |
(ख) जिन चीजों पर गोला लगा हो, उनके नामों के सामने लिखो कि उन्हें कौन बनाता है?
उत्तर:
कुर्ता – दर्जी
फावड़ा – लुहार
चारपाई – बढ़ई
हाँडी – कुम्हार
घड़ा – कुम्हार
डलिया – कहार
कड़ाही – लुहार
टेलीफोन- इंजीनियर
कुर्सी – बढ़ई
मिठाई – हलवाई
हल – बढ़ई
रेलगाड़ी – इंजीनियर
(ग) वे इन चीजों के बनाने में जिन औजारों का प्रयोग करते हैं, उनका नाम अपनी कॉपी में लिखो।
उत्तर:
औजारों के नाम
दर्जी – सिलाई-मशीन, कैंची, सूई।
कुम्हार – चाक, डण्डा।
बढ़ई – आरी, रंदा, बसूला, हथौड़ा, निहानी, रेगमाल।
लुहार – घन, छेनी, कुल्हाड़ी, हथौड़ा, रेगमाल।
हलवाई – कड़ाही, भट्ठी, दोना, कलछी, चाकू।
प्रश्न २.
देखोः आस-पास
(क) अपने आस-पास बन रही किसी चीज को देखो। फिर अपनी कॉपी में लिखो कि उसे कैसे बनाते हैं।
उत्तर:
हमारे आस-पास गुड़ व शक्कर बनती है। कोल्हू में गन्ना पेरने का काम होता है। गन्ने का रस बड़े कड़ाह में पकाया जाता है। पक जाने और चाशनी बनने पर मिट्टी के चाक में उसे एकत्रित कर लेते हैं। कुछ देर बाद उसको इधर-उधर चलाकर ठण्डा कर लेते हैं। यह गुड़ गर्म होता है, जो पाँच किलो या ढाई किलो के भेलों में तौलकर बोरे आदि पर सूखने के लिए रख दिया जाता है।
(ख) इनमें से कौन-कौन से काम तुम्हारे आस-पास के लोग करते हैं? अपनी कॉपी में लिखो
सिलना, चटाई बनाना, बर्तन बनाना, बुनना, टोकरी बनाना, टीका लगाना, मकान बनाना, पढ़ाना, मिठाई बनाना, बाल काटना, आँगनबाड़ी केन्द्र चलाना, जूता बनाना, कुर्सी बनाना।
उत्तर:
हमारे आस-पास निम्न कार्य होते हैं- सिलाई, बर्तन बनाना, टीका लगाना, मकान बनाना, पढ़ाना, मिठाई बनाना, बाल काटना व कुर्सी बनाना।
कितना सीखा?
प्रश्न १.
पानी हमारे किस-किस काम आता है?
उत्तर:
(क) पानी पीते हैं।
(ख) पानी से शरबत बनाते हैं।
(ग) पानी से नहाते हैं।
(घ) पानी से कपड़े धोते हैं।
(ङ) पानी से सिंचाई करते हैं।
प्रश्न २.
अपनी कॉपी पर उत्तर लिखो
(क) तुमने कौन-कौन से पक्षी देखे हैं?
उत्तर:
हमने तोता, मैना, कोयल, हंस, बतख, मुर्गी, कबूतर, कौआ, शुतुरमुर्ग, गौरैया आदि पक्षियों को देखा है।
(ख) तुम स्वस्थ रहने के लिए क्या-क्या करते हो?
उत्तर:
हम स्वस्थ रहने के लिए घर और आस-पास की सफाई के अलावा अपनी शारीरिक सफाई करते हैं तथा पौष्टिक तथा संतुलित भोजन करते हैं।
(ग) चाँद पर क्यों नहीं रहा जा सकता?
उत्तर:
चाँद पर इसलिए नहीं रहा जा सकता क्योंकि वहाँ पानी तथा हवा नहीं हैं।
प्रश्न ३.
बताओ, क्या हो अगर
(क) हमारे आस-पास गन्दगी फैल जाए?
उत्तर:
हम बीमार हो जाएँगे।
(ख) सूरज धरती को प्रकाश न दे?
उत्तर:
सृष्टि मिट जाएगी।
(ग) हम एक-दूसरे का सहयोग न करें?
उत्तर:
हमारा विकास नहीं हो पाएगा।
(घ) पानी न हो?
उत्तर:
जीवन सम्भव नहीं होगा।
प्रश्न ४.
कौन क्या बनाता है, मिलाओ (मिलाकर)
उत्तर:
कमीज – दर्जी
कुल्हाड़ी – लोहार
मिठाई – हलवाई
कुल्हड़ – कुम्हार
मेज़ – बढ़ई
प्रश्न ५.
नीचे दी गई चीजें खाने में कैसी लगती हैं? लिखो
उत्तर:
गुड़ – मीठा
नींबू – खट्टा
मिर्च – तीखी
हलवा – मीठा
गाजर – मीठी
इमली – खट्टी
संतरा – खट-मिट्ठा
पकौड़ी – नमकीन
प्रश्न ६.
चींटी की कहानी आगे बढ़ाओ
उत्तर:
एक दिन की बात है। चींटी घर से निकली ही थी कि बारिश होने लगी। उसने पानी से बचने के लिए घास के एक तिनके का सहारा लिया। वहाँ एक मोटी चींटी पहले से ही थी। उसने इस चींटी का स्वागत मुस्कराते हुए किया। उन दोनों को भोजन की चिंता थी। लेकिन बारिश तो रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी। अन्त में, दोनों ने भोजन की आशा त्याग दी और घर जाने का निश्चय किया।
प्रश्न ७.
अपनी याद की हुई कोई कविता सुनाओ।
नोट – विद्यार्थी कविता स्वयं सुनाएँ।