UP Board Class 9 Sanskrit Chapter 1 Mangalikam Question Answer (गद्य – भारती)

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UP Board Class 9 Sanskrit Chapter 1 Mangalikam Question Answer (गद्य – भारती)

कक्षा 9 संस्कृत पाठ 1 हिंदी अनुवाद माङ्गलिकम् के प्रश्न उत्तर यूपी बोर्ड

गद्यांशों का ससन्दर्भ अनुवाद 

 

आब्रह्मन् ब्राह्मणो ब्रह्मवर्चसी जायतामाराष्ट्रेराजन्यः
शूरऽइषव्योऽति व्याधि महारथो। जायतां दोग्धी धेनुर्वोढानड्वानाशुः सप्तिः पुरन्धिर्योषा जिष्णुः रथेष्ठा

सभेयो युवास्य यजमानस्य वीरो जायतां निकामे-निकामे नः
पर्जन्यो वर्षतु फलवत्यो न ओषधयः पच्यन्तां योगक्षेमो नः कल्पताम्।

 

शब्दार्थ:
ब्रह्मवर्चसी = वेद-विद्या से प्रकाशित।
जायताम् = उत्पन्न हो।
राष्ट्रे = राष्ट्र में। शूरः = वीर।
इषव्यः = बाण-विद्या में कुशल।
दोग्धी = दुधारू, अधिक दूध देने वाली।
वोढा = भार ले जाने में समर्थ।
अनड्वान् = बलवान् बैल।
सप्तिः = घोड़ा।
पुरन्धिः = रूप-गुणसम्पन्न।
योषाः = स्त्रियाँ।
जिष्णुः = शत्रुओं को जीतने वाले।
रथेष्ठाः = रथ पर बैठने वाला।
सभेयः = सभा के योग्य, श्रेष्ठ नागरिक।
निकामे-निकामे = समय-समय पर।
नः = हमारे लिए।
पर्जन्यः = बादल।
फलवत्यः = उत्तम फल वाली।
पच्यन्ताम् = पकें।
योगक्षेमः = अप्राप्त को प्राप्त करना और प्राप्त की रक्षा करना।
कल्पताम् = (समर्थ) हों।।
सन्दर्भ-प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्य-पुस्तक ‘संस्कृत गद्य भारती’ में ‘शुक्ल यजुर्वेद’ की माध्यन्दिनी शाखा के अध्याय 22, कण्डिका 22 से संगृहीत और ‘माङ्गलिकम्’ शीर्षक पाठ से उधृत है।

 

प्रसंग:
प्रस्तुत अंश में वैदिक ऋषि देश के लिए मंगलकामना करता है।

अनुवाद
:
हे ब्रह्मन्! हमारे देश में वेद और ईश्वर को जानने वाले ब्राह्मण उत्पन्न हों। बाण-विद्या में कुशल, शत्रुओं की अत्यन्त ताड़ना करने वाले महायोद्धा, वीर क्षत्रिय उत्पन्न हों। अधिक दूध देने वाली गायें, भार को ढोने वाले बलवान् बैल, शीघ्रगामी घोड़े, रूपादि गुणसम्पन्न, भरण-पोषण करने वाली स्त्रियाँ, रथ पर  बैठने वाले विजेता, सभा में बैठने की योग्यता रखने वाले उत्तम युवक, विद्वानों का आदर करने और सुख देने वाले तथा शत्रुओं को भगाने वाले वीर उत्पन्न हों। समय-समय पर हमारे लिए बादल बरसे। हमारे लिए उत्तम फल वाली औषधियाँ पके, हमारे लिए अप्राप्त वस्तु की प्राप्ति तथा प्राप्त वस्तु की रक्षा हो। .