UP Board Solutions for Class 7 Hindi Chapter 33 डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (महान व्यक्तित्व)
पाठ का सारांश
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई, 1901 को कोलकता (बंगाल) में हुआ था। इनके पिता का नाम आशुतोष मुखर्जी तथा माता का नाम श्रीमती योगमाया देवी था। इन्होंने 1917 में मैट्रिक, 1921 में बी.ए. तथा 1923 में लॉ की उपाधि प्राप्त की। ये उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड गए और सन् 1927 में बैरिस्टर बनकर स्वदेश लौटे। डॉ. मुखर्जी 33 वर्ष की आयु में कोलकता विश्वविद्यालय के कुलपति बने। बाद में राष्ट्रप्रेम से प्रेरित होकर राष्ट्र की सेवा हेतु राजनीति में प्रवेश किया। 1943 में बंगाल में भीषण अकाल में इनके प्रयासों से लाखों लोगों की प्राणों की रक्षा हो सकी। महात्मा गांधी और सरदार पटेल के आग्रह पर वे भारत के पहले मंत्रिमंडल में शामिल हुए और उद्योग मंत्री बने। लेकिन वैचारिक मतभेदों के कारण इन्होंने कुछ दिनों बाद मंत्रिमंडल से त्याग पत्र दे दिया। इसके बाद डॉ. मुखर्जी ने संसद में प्रतिपक्ष की भूमिका निभाने का निश्चय किया और वर्ष 1951 में इन्होंने भारतीय जनसंघ का गठन किया। इन्होंने जम्मू-कश्मीर के अलग झंडे, अलग संविधान और वहाँ के मुख्यमंत्री को प्रधानमंत्री कहे जाने का प्रबल विरोध किया। संसद में 20 जून, 1952 को अपने ऐतिहासिक भाषण में डॉ. मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर में धारा 370 को समाप्त करने की जोरदार वकालत की थी। इन्हेंने जम्मू-कश्मीर की सरकार को चुनौती देने का निश्चय किया। जम्मू-कश्मीर जाने के बाद इन्हें वहाँ गिरफ्तार कर नजरबंद कर दिया गया। इस महान राष्ट्रचिंतक को जेल में ही 23 जून, 1953 को निधन हो गया। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का व्यक्तित्व, उनके कार्य, उनके विचार अनंतकाल तक भारतीय जनमानस को प्रेरणा प्रदान करता रहेगा।
अभ्यास-प्रश्न
निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए
प्रश्न 1:
डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म कब और कहाँ हुआ ?
उत्तर:
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जन्म 6 जुलाई, 1901 को कोलकता (बंगाल) में हुआ था।
प्रश्न 2:
उप कुलपति रहते हुए डॉ० मुखर्जी ने शिक्षाक्रम में क्या बदलाव किया?
उत्तर:
कुलपति रहते हुए डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने शिक्षा क्रम में बदलाव करते हुए बांग्ला भाषा को माध्यम बनाया और बांग्ला, हिंदी एवं उर्दू में ऑनर्स की परीक्षाएँ निर्धारित की।
प्रश्न 3:
मंत्रिमण्डल से त्यागपत्र देने के बाद डॉ० मुखर्जी ने क्या किया?
उत्तर:
मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देने के बाद डॉ. मुखर्जी ने नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाई और अपने नए राजनीतिक मंच भारतीय जनसंघ का गठन किया।
प्रश्न 4:
डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा समर्थित प्रजा परिषद के सत्याग्रह का क्या उद्देश्य था?
उत्तर:
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी द्वारा समर्थित प्रजा परिषद के सत्याग्रह का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना था।
प्रश्न 5:
डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान के परिणामस्वरूप जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में क्या बदलाव आए?
उत्तर:
डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान के परिणामस्वरूप जम्मू-कश्मीर की तत्कालीन सरकार को अपदस्थ किया गया और अलग संविधान, अलग प्रधान एवं अलग झंडे का प्रावधान निरस्त हो गया।